Category: बॉलीवुड किस्से
हिंदी सिनेमा में कई कलाकारों के करियर में उतार-चढ़ाव आते रहे हैं। कुछ स्टार एक ही हिट से चाँद पर पहुँच जाते हैं, तो कुछ को अलग-थलग रास्तों से सफलता मिलती है। चंकी पांडे उन्हीं अभिनेताओं में से एक हैं, जिनका करियर किसी ड्रामाई फिल्म से कम नहीं रहा — और उनका एक अनजाना दौर था जब वे बांग्लादेश में सुपरस्टार बन गए।

बॉलीवुड से शुरुआत
चंकी पांडे (सत्यजित पांडे) ने 1980 के दशक में बॉलीवुड में कदम रखा। उन्होंने 1987 में डेब्यू किया और 1988 की फिल्म तेजाब से पहचान बनाई। उनकी कॉमिक टाइमिंग और अनोखा स्टाइल उन्हें पहचान दिलाने में मददगार रहे।

क्यूँ हुआ करियर स्लाइड?
90 के दशक में नए सितारों के उभरने के बाद चंकी को लीड रोल कम मिलने लगे। उन्हें सपोर्टिंग और कॉमेडी रोल्स मिलने शुरू हुए, जिससे उन्होंने नए अवसरों की तलाश की।

बांग्लादेश की तरफ़ रुख़
बांग्लादेश के एक निर्देशक ने उन्हें Shami Keno Asami में कास्ट किया। फिल्म ब्लॉकबस्टर हुई और चंकी वहां के दर्शकों के पसंदीदा बन गए।
छह फिल्मों का सिलसिला
Shami Keno Asami के बाद चंकी ने बांग्लादेश में लगभग 6 फिल्में कीं — और अधिकांश हिट रहीं। उनकी लोकप्रियता वहां इतनी बढ़ी कि लोग उन्हें ‘बांग्लादेश का शाहरुख’ कहने लगे।
बॉलीवुड वापसी और विरासत
बांग्लादेश में स्टारडम के बाद भी चंकी ने बॉलीवुड में वापसी की और कॉमिक/सपोर्ट रोल्स से अपनी जगह बनाई। उनकी बेटी अनन्या पांडे आज बॉलीवुड में सक्रिय हैं और पारिवारिक पहचान बनी हुई है।

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हसन बाबू एक passionate ब्लॉगर और कंटेंट क्रिएटर हैं, जो बॉलीवुड की कहानियाँ, स्टार्स के अनकहे किस्से और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी रोचक जानकारी अपने पाठकों तक पहुँचाते हैं। इनका उद्देश्य है कि पाठक केवल खबरें ही नहीं बल्कि सच्ची कहानियों के पीछे छुपे अनुभव और संघर्ष को भी समझ सकें।
हसन बाबू एक passionate ब्लॉगर और कंटेंट क्रिएटर हैं, जो बॉलीवुड की कहानियाँ, स्टार्स के अनकहे किस्से और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी रोचक जानकारी अपने पाठकों तक पहुँचाते हैं। इनका उद्देश्य है कि पाठक केवल खबरें ही नहीं बल्कि सच्ची कहानियों के पीछे छुपे अनुभव और संघर्ष को भी समझ सकें।